दिलबर के दिल का हाल
अब तक लिखा जो भी
थे मेरे मन के एहसासों के मोती
अपनी कल्पनाओं और ख्यालों को
शब्दों में थी संजोती
आज हाल ए दिल अपने दिलबर का सुनाती हूं
मेरे अल्फाजों में चलो जज़्बात सनम के सजाती हूं
सुनो जरा क्या है दिलबर का कहना
कहता है वो हर पल यहीं
तुम मेरी नजरों में छुप कर रहना
तस्वीर ना अपनी dp पर लगाया करो
मेरी जान यूं किसी नजरों में न आया करो
तस्वीर को भी को अपनी नजरो से छूता है
जलता है मन मेरा ,दर्द दिल में होता है
सह नही पाता हूं तेरी सूरत पर
किसी और के नजरो की छुअन
एक कसक से मन उठती है
सही जाती नहीं मेरी जान वो चुभन
सुनो ना
जान मेरी यूं न सताया करो
मेरी ही निगाहों में रहो
किसी और को नजरों में न आया करो..
Muskan khan
02-Nov-2022 07:54 PM
Very nice
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Haaya meer
02-Nov-2022 05:52 PM
Amazing
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Sachin dev
02-Nov-2022 04:39 PM
Nice 👌
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